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मुसीबत में सबसे बड़ा मददगार बना भारत, रूस का तेल बेचकर बना दिया रिकॉर्ड

India: रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. देश का रूस से आयात यूक्रेन युद्ध से पहले कुल आयातित तेल के 1% से भी कम था और युद्ध के बाद खरीद बढ़कर लगभग 40% हो गई है.

India: दोस्त अगर मुसीबत में काम न आए, तो फिर उसे दोस्त नहीं माना जाता. वैश्विक महामारी कोविड के समाप्त होने के पहले से ही रूस 24 फरवरी, 2022 से आज तक यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है. इस बीच, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने रूस पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए. इसके बावजूद भारत और चीन ने रूस के साथ अपनी दोस्ती में दरार नहीं आने दी. भारत ने प्रत्यक्ष तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध का समर्थन नहीं किया, बल्कि दोनों देशों को समझाने की कोशिश की. लेकिन, रूस के साथ दोस्ती निभाते हुए भारत ने उसकी आर्थिक स्थिति को यथावत बनाए रखने में मदद की और उसने भारत के जरिए रूस के कच्चे तेल को यूरोपीय देशों तक पहुंचाया. इस प्रयास में एक नया रिकॉर्ड भी बन गया और भारत यूरोपीय संघ को ईंधन निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया.

भारत का 58% बढ़ा ईंधन का निर्यात

सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, चालू वर्ष 2024 की पहली तीन तिमाहियों में भारत से यूरोपीय संघ को डीजल जैसे ईंधन का निर्यात 58% बढ़ गया. ऐसे में माना जा रहा है कि इसमें रूस से आने वाले कच्चे तेल की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसे रिफाइन करके यूरोपीय देशों में भेजा जा रहा है. दिसंबर 2022 में यूरोपीय संघ और जी7 देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाते हुए उसके कच्चे तेल के आयात पर मूल्य सीमा और प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, रूस के कच्चे तेल से बने रिफाइन्ड ईंधन पर नीति में स्पष्टता की कमी का मतलब था कि प्रतिबंध नहीं लगाने वाले देश बड़ी मात्रा में रूसी कच्चे तेल का आयात कर सकते हैं और उन्हें रिफाइन उत्पादों में बदलकर प्रतिबंध लगाने वाले देशों को कानूनी रूप से निर्यात कर सकते हैं.

रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बना भारत

रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. देश का रूस से आयात यूक्रेन युद्ध से पहले कुल आयातित तेल के 1% से भी कम था और युद्ध के बाद खरीद बढ़कर लगभग 40% हो गई है. ऊर्जा और स्वच्छ वायु पर शोध केंद्र (सीआरईए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि शोधन नियमों में खामियों का लाभ उठाते हुए भारत अब यूरोपीय संघ को तेल उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है.

भारत की तीन रिफाइनरी से ईंधन का हो रहा यूरोप निर्यात

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 की पहली तीन तिमाहियों में जामनगर, वडिनार (गुजरात) और मैंगलोर रिफाइनरी से यूरोपीय संघ को निर्यात सालाना आधार पर 58% बढ़ा. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर में तेल रिफाइनरियां हैं, जबकि रूस की रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी की वडिनार में एक इकाई है. मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) सरकारी स्वामित्व वाली ओएनजीसी की सहायक कंपनी है.

 

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